जिला सिरमौर के नाहन में कांशीवाला स्थित मिल्कफेड के दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का जल्द विस्तार होगा. इसका मुख्य मकसद है दूध से बनने वाले उत्पादों को यहीं तैयार करना. यानी पनीर, दही, घी और फ्लेवर्ड मिल्क जैसे कई उत्पाद अब यहीं लोगों को आसानी से मिलेंगे.
मौजूदा समय इस संयंत्र की क्षमता 5 हजार लीटर से ज्यादा है, जिसे बढ़ाकर 20 हजार किया जाएगा. खास बात ये है कि इस संयंत्र की क्षमता बढ़ाने को लेकर लोक निर्माण विभाग की टीम के साथ तकनीकी विशेषज्ञों ने साइट का निरीक्षण कर लिया है. सब ठीक रहा तो बेहद जल्द इस संयंत्र के विस्तार का कार्य शुरू हो जाएगा.
जानकारी के अनुसार सिरमौर जिला में कुल चार चिलिंग प्लांट राजगढ़, मरयोग, बागथन और सराहां में क्रियाशील हैं, जिनमें कुल 5500 लीटर दूध विभिन्न सहकारी सभाओं के माध्यम से एकत्रित किया जा रहा है. मिल्कफेड किसानों से दूध की गुणवत्ता और फेट के आधार पर खरीद रहा है.
जिला सिरमौर में मिल्कफेड के मुख्य दुग्ध संस्करण संयंत्र की कैपेसिटी 20 हजार लीटर होती है तो यह जिला के किसानों के लिए वरदान साबित होगा. दूध कैपेसिटी के बढ़ने के बाद इस संयंत्र में दूध के अलावा दूध से बनाए जाने वाले अन्य उत्पादों का भी उत्पादन शुरू हो जाएगा. ऐसे में प्रदेश के लोग सिरमौर में बने मक्खन, घी, पनीर, दही समेत फ्लेवर्ड दूध का स्वाद भी चख पाएंगे.
मिल्कफेड सिरमौर के तकनीकी अधीक्षक देवांश जायसवाल ने बताया कि कांशीवाला में दूध प्रसंस्करण संयंत्र की क्षमता बढ़ाए जाने की योजना पर काम चल रहा है. लोक निर्माण विभाग की टीम जमीन का निरीक्षण कर चुकी है. अभी यहां संयंत्र की क्षमता 5 हजार लीटर से अधिक है. इसे अब बढ़ाकर 20 हजार लीटर किया जाएगा. इससे दूध से बनने वाले उत्पाद सिरमौर में ही तैयार होंगे. जल्द इस संयंत्र के विस्तार की उम्मीद है.