अतिथि शिक्षक नीति और मेडिकल कॉलेज नाहन को कांशिवाला स्थानांतरित करने के फैसले के खिलाफ आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नेतृत्व में एक धरना प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में लाइब्रेरी में पढ़ने वाले छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और अपनी आवाज बुलंद की।
प्रदर्शनकारियों ने जिला उपायुक्त कार्यालय पर एकत्रित होकर सरकार के इन फैसलों के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से शिक्षा मंत्री से मांग की गई कि अतिथि शिक्षक नीति को स्थायी समाधान के साथ लागू किया जाए, जिससे शिक्षकों को सुरक्षा और स्थायित्व मिले। साथ ही मेडिकल कॉलेज नाहन को कांशिवाला शिफ्ट करने के निर्णय को वापस लेने की अपील की गई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह कदम छात्रों और स्थानीय जनता के लिए असुविधाजनक और अनुचित है।
प्रदर्शन का नेतृत्व ABVP के प्रदेश सह मंत्री मनीष बिरसांटा और विभाग सह संयोजक अभी ठाकुर ने किया। इस दौरान राष्ट्रीय कला मंच की प्रदेश संयोजिका शीतल सूर्यवंशी ने भी विशेष रूप से उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने छात्रों और प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह नीतियां सरकार की छात्रविरोधी मानसिकता को दर्शाती हैं और यदि इन्हें जल्द वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज होगा।
विरोध प्रदर्शन के दौरान वीनू, वंश भंडारी, कमल, निखिल, जतिन सहित अन्य कई कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिन्होंने अपनी एकजुटता और समर्थन प्रकट किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के रवैये के खिलाफ नारेबाजी की और अंत में प्रदेश सरकार का पुतला फूंककर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
मनीष बिरसान्टा ने कहा कि अतिथि शिक्षक नीति न केवल शिक्षकों के भविष्य को असुरक्षित बनाती है, बल्कि शिक्षा प्रणाली को भी कमजोर करती है। वहीं, मेडिकल कॉलेज नाहन को शिफ्ट करना हजारों छात्रों और स्थानीय लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को कठिन बना देगा।
यह प्रदर्शन छात्रों और स्थानीय जनता के गहरे असंतोष को दर्शाता है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि इन जनविरोधी नीतियों को वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
यह विरोध न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के मुद्दों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छात्रों और युवाओं की शक्ति किसी भी गलत निर्णय को चुनौती देने में सक्षम है।