लेक मैन ऑफ़ इण्डिया जोकि झील विशेषज्ञ आनंद मलिगवाड़ ने सिरमौर जिला की रेणुकाजी झील का दौरा किया। उन्होंने बतायाकि उन्होंने लगभग 6 घंटे तक झील का निरीक्षण किया और झील की वास्तविक स्तिथि को भाँप लिया है। इसी तहत झील के सरंक्षण को लेकर इससे छेड़ छाड़ की जरूरत नहीं है। केवल झील में पैदा हुए सरकंडों व् अजोला घास को यदि 50 फीसदी कम कर दिया जाये तो बेहतर रहेगा। उन्होंने बतायाकि अजोला घास पानी में पनपने वाले जिव जंतुओं को भोजन प्रदान कर रही हैऔर पानी को भी शुद्ध बना रही है फ़िलहाल झील के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं है और इसकी दशा बिलकुल ठीक है। इसके साथ ही झील में बहरी दबाव व् पेड़ पौधों से गिरने वाले पत्तों को झील में रोकने का प्रयास करना चाहिए। इसके इलावा झील को नुकसान पहुंचा रहे पंजी नाले का भी उन्होंने निरीक्षण किया और वहां 6 फिट की आर सी सी की दीवार बनाने को खा ताकि दलदल झील में न आ सके।