देवभूमि हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर स्थित पवित्र तीर्थ श्री रेणुका जी सरोवर में शावन पूर्णिमा और रक्षाबंधन के पावन अवसर पर गुगा महाराज जी के कुरड़े, चिमटा, झंडा-खंडा सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।धार्मिक आस्था से ओत-प्रोत इस अवसर पर क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बना रहा।
सिरमौर के प्रसिद्ध तीर्थ — मां रेणुका जी और चूड़ेश्वर महादेव महाराज चूड़धार को देवशक्ति पीठ माना जाता है, जहां सच्चे मन से आराधना करने पर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन पर्व का विशेष महत्व है, जिसके चलते प्रदेश व बाहरी राज्यों से आए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
पत्रकारों से बातचीत में श्रीमत परम हंस महामंडलेश्वर (जूना अखाड़ा) स्वामी दयानंद भारती महाराज ने रक्षाबंधन व मां रेणुका जी के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व पर विस्तार से जानकारी दी।वहीं, गुगा महाराज जी के पुजारी तोता राम चौहान ने बताया कि श्रावण मास में गुगा महाराज की तीर्थ यात्रा के दौरान सरोवर में देव रूपी झंडा-खंड़ा व पूरी जातर का स्नान करना अत्यंत पवित्र माना जाता है।
स्वामी दयानंद भारती महाराज के अनुसार, “सालभर में अनेक पर्व मनाए जाते हैं, लेकिन तीर्थ पर स्नान का अपना विशेष महत्व है।”तोता राम चौहान ने भी कहा, “यह परंपरा न केवल आस्था से जुड़ी है, बल्कि यह हमारी सदियों पुरानी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।”