उपायुक्त सिरमौर आर.के. गौतम ने कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर कृषि और बागवानी की फसलों को सूखे से हुए नुकसान की खंड स्तर की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में प्रभावित गांव और पंचायत का उल्लेख भी अनिर्वाय रूप से किया जाए।
उपायुक्त आज सोमवार को नाहन में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए आयोजित विभिन्न विभागों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
आर.के गौतम ने जल शक्ति विभाग से कहा कि सभी पेयजल स्रोतों के जल स्तर पर लगातार निगरानी बनायें रखें ताकि पेयजल की किल्लत होने पर वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि जिला में 1405 पेजयल आपूर्ति योजनाएं कार्यशील हैं और केवल 15 योजनाओं में पेयजल स्तर घटा है। उन्होंने कहा कि इन 15 योजनाओं में 0 से 25 प्रतिशत जल की कमी आंकी गई है। उन्होंने पेयजल की कमी वाली इन योजनाओं वाले क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित बनाएं रखने के लिए आवश्यकता के अनुरूप वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
उपायुक्त ने सभी पंचायतों में ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध परम्परागत जल स्रोतों की सफाई और क्लोरीनेशन कार्य को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र के अधीन आने वाले सभी पेयजल स्रोतों की क्लोरीनेशन और साफ-सफाई भी की जाए ताकि स्थानीय लोगों को स्वच्छ पानी मिलता रहे।
आर.के. गौतम ने वन विभाग और फायर विभाग को आदेश दिए कि प्रचंड गर्मी के दौरान होने वाली आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए आपसी तालमेल के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि वन संपदा का संरक्षण जरूरी है और पंचायत स्तर पर ठीकरी पहरा को सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने नाहन और पांवटा शहरी क्षेत्रों में फायर हाईड्रेंट को कार्यशील बनाये रखने के लिए कहा ताकि आगजनी की घटना के समय पानी की किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में पेयजल की 237 नई योजनाओं पर कार्य चल रहा है जिसमें से 147 पेयजल योजनाओं का कार्य लगभग पूरा हो रहा है। उन्होंने जल शक्ति विभाग को निर्देश किए कि जिन पेयजल योजनाओं का कार्य पूरा हो रहा है उन्हें शीघ्र आरम्भ करें ताकि गर्मी में पेयजल की दिक्कत न आए।
उपायुक्त ने पशुपालन विभाग को जिला में पशु चारे का उचित प्रबन्ध करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सूखे की स्थिति में पशु चारे की दिक्कत आ सकती है इसलिए विभाग समय रहतेे जरूरी अग्रिम कार्रवाई अमल में लाए।
उन्होंने कहा कि जिला में जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग समुचित मात्रा में सभी अस्पतालों में आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाना सुनिश्चित बनाये। उन्होंने पीलिया और डायरिया की संभावना को देखते हुए पेयजल स्रोतों के पानी की सैंपलिंग कार्य करने के लिए जल शक्ति विभाग और पर्यावरण निंयत्रण बोर्ड को निर्देश दिए।
जिला राजस्व अधिकारी चेतन चौहान, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अभिषेक मित्तल, उप निदेशक बागवानी डा. सतीश शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अजय पाठक, अधीक्षण अभियंता जल शक्ति विशाल जसवाल , कृषि, वन, होमगार्ड, व अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।