दैनिक आहार में सभी पोषक तत्वों के समावेश के प्रति आम लोगों को जागरुक करने के लिए बाल विकास परियोजना सुजानपुर के अंतर्गत विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में ‘जब आहार हो रंगीन तो सेहत हो बेहतरीन’ विषय पर पोषण प्रदर्शनियां आयोजित की गईं।
इस अवसर पर महिलाओं से संवाद के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने बताया कि नाश्ता या ब्रेकफास्ट दिनभर के आहार में सर्वाधिक महत्वपूर्ण आहार है। अत: नाश्ते की थाली में सतरंगा आहार यानि संतुलित आहार होना चाहिए। ऐसा आहार मानव शरीर के लिए वांछित भिन्न-भिन्न तत्वों की पूर्ति करते हुए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में अपेक्षित वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। बाल विकास परियोजना अधिकारी ने कहा कि हमारी पाचन अग्नि सूर्य की ही भांति कार्य करती है। सुबह के समय यह बढऩा शुरू कर दोपहर में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचकर रात तक शिथिल पड़ जाती है। इसलिए सुबह और दोपहर के भोजन को हमारा शरीर आसानी से पचा लेता है।
उन्होंने बताया कि दोपहर के भोजन में मोटा अनाज बहुत ही गुणकारी होता है। रात के समय केवल तिरंगा सलाद लेकर भी हम अपनी सेहत को सुदृढ़ कर सकते हैं। हमारा शरीर पाचन प्रक्रिया के दौरान फ्री रेडिकल नामक हानिकारक तत्व भी उत्पन्न करता है जो ऑक्सीकरण की दर को बढ़ाकर हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं और बुढ़ापे के लक्षणों में तेजी लाते हैं। नारंगी, लाल, पीले और जामुनी फलों में विद्यमान एंटीऑक्सीडेंट पदार्थ फ्री रेडिकल्स को समाप्त कर उनके दुष्प्रभावों को खत्म करते हैं। बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बताया कि मोटे अनाज में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध फाइटोकेमिकल्स भी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इनफ्लेमेटरी गुणों से परिपूर्ण होते हैं और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का आधार तैयार करते हैं। इसलिए हमें अपने आहार में सभी पोषक तत्वों के समावेश का विशेष ध्यान रखना चाहिए।