जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं बैंक सलाहकार समिति की बैठक मंगलवार को यहां हमीर भवन में आयोजित की गई। उपायुक्त हेमराज बैरवा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी तिमाही की उपलब्धियों पर चर्चा की गई तथा वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जिला के ऋण-जमा अनुपात में सुधार की संभावनाओं तथा विभिन्न ऋण एवं सब्सिडी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई।
इस अवसर पर उपायुक्त ने बैंक अधिकारियों से कहा कि वे आम लोगों को ऋण योजनाओं के प्रति जागरुक करें तथा ऋण आवंटन में अनावश्यक देरी न करें। सरकार की विभिन्न सब्सिडी योजनाओं के लाभार्थियों के ऋण के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान करें। इससे आम लोगों तक बैंकिंग एवं सब्सिडी योजनाओं का लाभ पहुंचेगा, बैंकों का कारोबार बढ़ेगा तथा जिला हमीरपुर के ऋण-जमा अनुपात में भी काफी सुधार होगा।
उपायुक्त ने कहा कि सरकार ने किसानों-बागवानों, पशुपालकों, उद्यमियों, एमएसएमई उद्योगों, युवाओं और विद्यार्थियों के लिए कई सब्सिडी योजनाएं आरंभ की हैं। इन योजनाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को ऋण योजनाओं से लाभान्वित किया सकता है। इसलिए सभी बैंक अधिकारी इन योजनाओं से संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करें। अगर इन योजनाओं के तहत ऋण के आवेदनों में कोई खामी हो तो वे इन्हें तुरंत रिजेक्ट करने के बजाय विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा करें।
उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों के लिए सस्ती ऋण योजना आरंभ की है। इसके अलावा आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और कई अन्य योजनाओं के माध्यम से भी प्रदेश सरकार लोगों को बड़े पैमाने पर सब्सिडी देने जा रही है। इन सभी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए विभागीय अधिकारी और बैंक अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें।
हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला हमीरपुर में एजूकेशन लोन, डेयरी एवं पशुपालन और मौन पालन इत्यादि व्यवसायों में ऋण योजनाओं के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। सभी बैंकों को इन क्षेत्रों में संभावनाएं तलाश करनी चाहिए। किसान के्रडिट कार्ड योजना की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिला में लगभग 77 हजार किसानों में से लगभग 56 हजार किसानों को किसान सम्मान निधि मिल रही है। लेकिन, जिला में अभी तक 36065 किसानों को केसीसी प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बैंक अधिकारियों से कहा कि वे शत-प्रतिशत किसानों को केसीसी प्रदान करने की दिशा में कार्य करें। बैठक में अन्य बैंकिंग योजनाओं पर भी व्यापक चर्चा की गई।
उपायुक्त ने कहा कि गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जिला में सभी बैंकों की कुल जमा राशि लगभग 13065 करोड़ रुपये और ऋण राशि लगभग 3201 करोड़ रुपये रही। यानि जिला का ऋण-जमा अनुपात अर्थात सीडी रेशो साढे 24 प्रतिशत रही। बैठक में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, मुद्रा योजना और अन्य योजनाओं के साथ-साथ वित्तीय साक्षरता, डिजिटल लेन-देन और अन्य मदों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। उपायुक्त ने पीएनबी आरसेटी की गत वित वर्ष की वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट का विमोचन भी किया।
इससे पहले पंजाब नेशनल बैंक के मंडल उप प्रमुख बी.डी. भाटिया ने उपायुक्त और सभी अधिकारियों का स्वागत किया तथा विभिन्न उपलब्धियों की जानकारी दी। मुख्य अग्रणी जिला प्रबंधक लक्ष्मी नारायण काजल ने विभिन्न मदों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस अवसर पर भारतीय रिजर्व बैंक के एलडीओ भरतराज आनंद, नाबार्ड के डीडीएम सतपाल चौधरी, पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी के निदेशक रजनीश कुमार, डीआरडीए के परियोजना अधिकारी राजकुमार, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संदीप शर्मा, उद्यान विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार और अन्य अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे।