जिला टीबी फोरम एवं क्षय रोग उन्मूलन समिति द्वारा क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम पर आज जिलाधीश कार्यालय शिमला में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त शिमला शिवम प्रताप सिंह ने की।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह ने बताया कि क्षय रोग के उन्मूलन के लिए आवश्यक है कि पंचायत स्तर पर प्रयास किए जाएं जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य अधिकारियों की सहभागिता आवश्यक होनी चाहिए।
बैठक में भाग लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेखा चोपड़ा ने क्षय रोग की वर्तमान स्थिति एवं इसके उन्मूलन के विषय में हो रही गतिविधियों के बारे में सभी को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जिला शिमला में अब तक कुल 777 रोगी क्षय रोग से ग्रसित हैं जिनका इलाज चल रहा है। विभिन्न 19 विभागों के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम को चलाया जा रहा है जिसमें कि ग्रामीण विकास, पंचायती राज, उच्च शिक्षा एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति जैसे विभाग क्षय रोग उन्मूलन के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं।
डॉ सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि 25 मार्च 2023 को प्रधानमंत्री द्वारा वाराणसी में आरंभ किए गए टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत पंचायती राज मंत्रालय एवं केंद्रीय क्षय रोग विभाग के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिसके अंतर्गत प्रत्येक पंचायत को 2025 तक क्षय रोग से मुक्त कराने का लक्ष्य है। साथ ही डा सुरेखा चोपड़ा ने निक्षय मित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्तमान में जिला शिमला में 348 रोगियों को विभिन्न निक्षय मित्रों द्वारा अपनाया गया है। इसमें एसजेवीएन फाउंडेशन ने अग्रणी भूमिका निभाते हुए 6 महीनों के लिए जिला शिमला के सभी टीबी रोगियों को गोद लेने का फैसला लिया है। इसके अतिरिक्त नई योजना के तहत टीबी रोगी की सूचना देने पर, उसके इलाज में सहायता करने पर एवं रोगी का बैंक अकाउंट खोलने में सहायता पर क्रमशः 500, 250 एवं 50 रुपए के नकद इनाम का प्रावधान किया गया है जिससे कि रोगियों को पहचानने एवं रोग उन्मूलन में सहायता मिलेगी।