अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर बाल विकास परियोजना हमीरपुर के सभी 183 आंगनवाड़ी केंद्रों में योग शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों, किशोरियों तथा उनके अभिभावकों को योगासन करवाए। इन योग शिविरों के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा विभागीय पर्यवेक्षकों एवं संरक्षण अधिकारियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं और किशोरियों तथा बच्चों के माता-पिता के साथ योग कर, उनमें बच्चों के सर्वांगीण विकास-जैसे कि शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक विकास की नींव सही समय पर रखने के लिए प्रेरित किया।
आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक एवं संरक्षण अधिकारी प्रदीप कुमार चौहान ने बताया कि 5 वर्ष तक की आयु में बच्चों का दिमाग 80 प्रतिशत तक विकसित हो जाता है और बच्चों में अच्छे संस्कार डालने तथा नैतिक शिक्षा देने का यही सही समय होता है। यही बच्चे बड़े होकर अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर संस्कारों के साथ एक अच्छे समाज का निर्माण करेंगे। जो बच्चे रोजाना योग करते हैं उनका ध्यान अपने काम के प्रति बेहतर तरीके से केंद्रित होता है और उनमें मस्तिष्क का विकास भी सही रूप से होता है। योग बच्चों को सक्रिय बनाने और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में बहुत उपयोगी होता है। योग से बच्चों का प्रतिरक्षा तंत्र और मजबूत होता है और बीमारियों से बचते हैं।
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