जिला में पोषण अभियान के तहत अति कुपोषित एवं अल्प कुपोषित बच्चों की पहचान इलाज तथा पोषण पर केन्द्रीत विस्तृत कार्यक्रम आरम्भ किया जा रहा है ताकि जिला में बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर रह सके व राष्ट्रीय पोषण अभियान के आधार पर हम खरे उतर सकें। यह विचार आज उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण अभियान के अन्तर्गत जिला अस्पताल में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि अति कुपोषित व अल्प कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए नई कार्य प्रणाली को अपनाया जाएगा जिसमंे बच्चे की लम्बाई व भार के अतिरिक्त बाजू ,सर व ऐड़ी के माप के माध्यम से कुपोषण व अल्प कुपोषण का पता लगाया जाएगा। इस सम्बन्ध में आज की कार्यशाला अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसमें अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को यह जानकारी प्रदान करेंगे व कुपोषण व अल्प कुपोषण के अन्तर को कम करने में सक्षम हो सकेंगे।
उन्होेंने कहा कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाएगा जिसके अन्तर्गत प्रत्येक माह कुपोषित व अल्प कुपोषित बच्चों की प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जांच अथवा एम्स में जांच व इलाज के संबंघ में सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि 0 से 6 साल तक का बच्चा विकास निगरानी से छूट न पाए। प्रशिक्षण कार्यशाला में डाॅ0 सतीश, डाॅ विशाल और डाॅ0 गौरव द्वारा नवजात शिशु के शारीरिक मापदंण्डों के सही तरिकों के इस्तेमाल के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई। अति कुपोषित व अल्प कुपोषित के आहार के बारे में आहार विशेषज्ञ रेणुका ने विस्तार से जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रवीण चैधरी ने बताया कि पोषण अभियान में बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में इसे गति प्रदान करने के लिए बल मिलेगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा ने कहा कि पोषण अभियान के अन्तर्गत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र का सहयोग अभियान के विकास व शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए मील पत्थर साबित होगा। प्रशिक्षण कार्यशाला में खंण्ड चिकित्सा अधिकारी चिकित्सा अधिकारी व पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।