शरद नवरात्रों में दुर्गा माता के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। इस मौके पर जहां मंदिरों में माता दुर्गा की पूजा की जाती है वहीं सिरमौर जिला के मैदानी क्षेत्रों विशेषकर हरियाणा के साथ लगते इलाकों में इन नवरात्रों पर सांझी माता की पूजा की जाती है। नाहन में भी कई लोग घरों में गोबर ,मिटटी ,रुई इत्यादि से सांझी माता की प्रतिमा बनांते हैं और पूजा की जाती है। नाहन में सुनीता गर्ग भी विशेष सांझी बनाती हैं। उन्होंने इस बार आदमकद सांझी माता अपने घर की दीवार पर बनाई है। यह प्रतिमा उन्होंने गोबर। मिटटी ,रुई इत्यादि को मिलाकर तैयार की है। उनकी इस कला को देखने लोग यहां पहुंच रहे हैं और शीश भी नवै रहे हैं।
सुनीता गुप्ता ने बतायाकि वो इस परम्परा को जीवित रखने के लिए प्रयासरत हैं। इन दिनों लोग बाजार से सांझी माता का कलेंडर ले आते हैं और पूजा करते हैं। लेकिन वो आज भी मिटटी ,गोबर व् रुई के प्रयोग से सांझी माता बनाती हैं। पुरे नौ दिन इनकी पूजा अर्चना होगी और फिर राम नवमी को इसका विसर्जन किया जाता है।
राजेश गुप्ता ने बतायाकि वो सांझी माता प्रतिमा के लिए काला अम्ब से मिटटी ,गोबर लेट हैं और फिर दिनरात की मेहनत के बाद यह प्रतिमा बनाई जाती है। सांझी माता धन धन्य ,शांति ,वैभव प्रदान करने वाली मानी जाती हैं।
। उल्लेखनीय हैकि आधुनिकता के इस दौर में आज भी सुनीता गुप्ता एक प्राचीन परम्परा को जीवित रखने के लिए प्रयासरत हैं।