अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने क्षेत्र के स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी एवं विक्रय के करीब 20 स्टाल स्थापित किये गए हैं। मेले में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक इन स्टालों में स्थानीय उत्पादों में खूब रूचि दिखा रहे हैं और खरीददारी कर रहे हैं।
उपायुक्त सिरमौर एवं अध्यक्ष श्री रेणुका जी विकास बोर्ड़ सुमित खिमटा ने यह जानकारी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि मेले के अवसर पर लगने वाले इस प्रकार के स्टालों से जहां स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आय के साधन सृजित होते हैं वहीं दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को हिमाचली संस्कृति एवं खानपान के बारे में जानकारी मिलती है।
रेणुका मेले के अवसर पर स्थापित प्रदर्शनी एवं विक्रय स्टालों पर कुल्लू के स्वयं सहायता समूह द्वारा कुल्ली शॉल और टोपी, लाहौल स्पीति जिला द्वारा गर्म एवं ऊनी वस्त्र, चंबा जिला द्वारा परम्परागत ज्वैलरी व अन्य उत्पाद, मंडी जिला द्वारा मंडी की विश्व प्रसिद्ध सेपु बड़ियां और अन्य उत्पाद, शिमला जिला द्वारा आचार, चटनी, जूस आदि, ऊना जिला द्वारा शहद, व अन्य उत्पाद विक्रय एवं प्रदर्शन के लिए रखे गये हैं।
सोलन जिला के स्वयं सहाया समूह द्वारा चीड़ के पत्तों से तैयार उत्पाद जैसी टोकरी, ट्रे, फर्नीचर इत्यादि का सामान प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए रखे गये हैं, साथ ही लोगों को स्पॉट पर ही चीड़ के पत्तों से बनने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। सिरमौर जिला के सात विकास खंडों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा खाद्य पदार्थ जैसे चटनी, आचार आदि विक्रय के लिए रखा गया है।
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सिरमौर द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित समूहों द्वारा तैयार स्थानीय उत्पाद प्रदर्शनियां एवं विक्रय स्टाल लगाये गए हैं।
उधर, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सिरमौर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक वीरेन्द्र ने बताया किया स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से रेणुकाजी मेले में प्रदर्शनी एवं विक्रय स्टाल स्थापित किये जहां से काफी मात्रा में लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं।