चंडीगढ़ के सरस मेले में सिरमौर जिला के हरिपुरधार से अपना स्टॉल लगाया

सिरमौर जिला में गत 5 वर्षों के दौरान मोदी सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान और कल्याण के लिए चलाई गई राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चलाई जा रही सेल्फ हेल्प ग्रुप योजनाओं ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जीने की नई रहा दिखाई है। सिरमौर जिला भाजपा प्रवक्ता एवं विकासखंड संगड़ाह के निवर्तमान अध्यक्ष मेलाराम शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया की सिरमौर जिला में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एन आर एल एम के तहत हजारों स्वयं सहायता समूहों का गठन करके उन्हें स्वरोजगार के अभूतपूर्व अवसर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यदि मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधीन विभिन्न महिला कल्याण कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं न चलाई होती तो ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं मात्र चूल्हे चौके तक ही सीमित रहकर बंधुआ मजदूरो जैसा जीवन जी रही होती।
उन्होंने बताया कि सिरमौर जिला में 2000 से अधिक की संख्या में स्वयं सहायता समूहों का गठन और पंजीकरण करके महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा महिला ग्रुप को करोड़ों रुपए की आर्थिक सहायता जारी की जा चुकी है। अकेले विकासखंड संगड़ाह में 527  महिला ग्रुप पंजीकृत हो चुके हैं जिनके साथ 6000 से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई है। इन्हें विकास खंड के माध्यम से एनआरएलएम के दो करोड़ साठ लाख रुपए से अधिक की स्टार्टप निधि व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है और इन्हें अनेक प्रकार का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। गांव गांव में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों का गठन करके एन आर एल एम के अंतर्गत महिलाएं अब विभिन्न प्रकार के जूस, जैम, चटनी, अचार और पारंपरिक व्यंजन बेचकर लाखों रुपए की आमदनी जुटा रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की जो महिलाएं चूल्हे चौके तक सीमित थी वह आज शिमला, सरस मेला चंडीगढ़, बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली आदि महानगरों में जाकर हिमाचली उत्पादों और व्यंजनों को परोस कर न केवल लाखों रुपए की आमदनी जुटा रही है अपितु घर से बाहर निकलकर  स्वरोजगार की दिशा में पुरुषों से भी काफी आगे निकल चुकी है।
केंद्र सरकार की महिला स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत देश के विभिन्न नगरों में आयोजित होने वाले व्यापार और पर्यटन उत्सवों के  दौरान इन महिलाओं को न केवल निशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराए जा रहे हैं अपितु ठहरने आदि की व्यवस्था भी निशुल्क की जा रही है। इन मेलों में महिलाएं हिमाचली उत्पाद और  सिडडू,  तेल पाकी, लुशके, पाठंडे, मालपूड़े, चौलाई की खीर, मक्की और कोदे की रोटी,मदरा, सेपूबड़ी आदि हिमाचली व्यंजन बेचकर लाखों रुपए की आमदन जुटा रही है। इन दिनों चंडीगढ़ के सरस मेले में सिरमौर जिला के हरिपुरधार से अपना स्टॉल लगाने गई जय विजायी मां स्वयं सहायता समूह की कार्यकर्ता सैना राणा और श्यामा ठाकुर बताती है कि उन्होंने पिछले एक सप्ताह के दौरान सरस मेला चण्डीगढ़ में लगभग दो लाख से अधिक कीमत के हिमाचली व्यंजन बेचकर अच्छी खासी आमद जुटाई है। उन्हें केंद्र सरकार की योजना के तहत मोबाइल फूड बैन भी उपलब्ध कराई गई है। मेलाराम शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की इन महिला कल्याण योजनाओं ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन की तकदीर और तस्वीर बदल दी है।

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