सिरमौर जिला के नाहन से मात्र सात किलोमीटर दूर राष्ट्रीय उच्च मार्ग 907 के साथ समीप है पौड़ी वाला जिसे स्वर्ग की दूसरी सीढ़ी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता हैकि लंकापति रावण ने स्वर्ग के लिए जब सीढ़ीयों का निर्माण किया तो पहली सीढ़ी हरिद्वार में जोकि हर की पौड़ी मणि जाती है व् दूसरी सीढ़ी यहां पौड़ी वाला में बनाई तीसरी चूड़धार व् चौथी किन्नर कलशपर बननी थी लेकिन उसे नींद आ गयी और स्वर्ग के लिए सीधी निर्माण न हो पाया। इसलिए इस स्थान को स्वर्ग की दूसरी सीधी कहा जाता है और यहां पर सभी के मनोरथ पुरे होते हैं खसके महा शिवरात्रि पर तो दूर दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। घने जंगल के बीच बने इस मंदिर में लोगो को बड़ी श्रद्धा है। एक और किंवदंती के अनुसार यहां पर स्थापित शिवलिंग हर शिवरात्रि को चावल के दाने से समान बढ़ता है। अब यहां पर सर्कार व् पंचायत के प्रयासों से लोगो को सुविधाएं भी मिल रही है व् बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं।
पंडित सर्वेश्वर ने बतायाकि यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है और सभी की मनोकामनाएं यहां पूरी होती हैं। स्वर्ग की दूसरी सीढ़ी के नाम से प्रसिद्ध इस धार्मिक शटल पर यूँ तो वर्षभर लोग पहुंचते हैं लेकिन महा शिवरात्रि पर विशेष आयोजन होता है व् अन्य प्रदेशों से भी लोग आते हैं।
नाहन की मीना शर्मा ने बतायाकि उनकी इस स्थान को लेकर गहरी आस्था है और वर्ष में कई बार वो लोग वहां जाते हैं तथा शिवरात्रि पर तो जरूर जाते हैं।
स्थानीय अम्ब वाला सैन वाला पंचायत प्रधान व् मंदिर समिति के संदीपक तोमर ने बतायाकि महा शिवरात्रि को यहां पर विशेष प्रबंध किये गए हैं ,सड़कों को ठीक किया गया है व् पानी इत्यादि की सुविधा भी की गयी है। इस स्थान को लेकर लोगो में गहरी आस्था है और स्थानीय लोगो के साथ साथ पड़ोसी राज्यों से भी लोग यहां शीश नवाने शिवरात्रि पर जरूर पहुंचते हैं।
उल्लेखनीय हैकि स्वर्ग की दूसरी सीढ़ी पौड़ी वाला इस क्षेत्र का एक प्रसिद्ध धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाता है व् महा शिवरात्रि पर यहां पर विशेष धार्मिककार्यक्रमों का आयोजन होता है जिसमे बड़ी संख्या में लोग भाफ लेते हैं।