हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में 24 मई यानी शुक्रवार को होने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की चुनावी जनसभा से पहले कांग्रेस ने उन पर सवाल दागते हुए जनता की तरफ से उनका जवाब मांगा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मीडिया कोऑर्डिनेटर एवं कांग्रेस नेत्री अमृत गिल ने कांग्रेस भवन नाहन में वीरवार दोपहर पत्रकार वार्ता कर एक-एक पीएम मोदी से सवाल करते हुए उनके जवाब मांगे हैं।
अमृत गिल ने कहा कि पीएम मोदी पिछले विधानसभा चुनाव में हिमाचल आए थे और अब वह फिर से लोकसभा चुनाव में नाहन व मंडी में चुनावी जनसभाओं को सम्बोधित करने के लिए हिमाचल के दौरे पर आ रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब हिमाचल में आपदा आई थी और इस त्रासदी में प्रदेश में भारी नुकसान हुआ, तब पीएम मोदी हिमाचल में क्यों नहीं आए? वह खुद को हिमाचल का बेटा कहते हैं, लेकिन जब आपदा के बीच हिमाचल इतना रो रहा था और जब इतनी बर्बादी यहां पर हुई, तब वह हिमाचल में क्यों नजर नहीं आए?
गिल ने कहा कि हिमाचल की जनता यह सवाल भी पूछती है कि जब हिमाचल को पीएम मोदी की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब क्यों नहीं आए और अब जब सब कुछ ठीक हो गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने निजी कोष यानी जेब से आपदा के दौरान 51 लाख रूपए दिए, लेकिन पीएम मोदी ने 51 रूपए भी हिमाचल की मदद के लिए क्यों नहीं दिए? यहीं नहीं हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जेपी नड्डा ने भी प्रदेश को 51 रूपए नहीं क्यों नहीं डाले?
अमृत गिल ने कहा कि आपदा के समय हिमाचल में स्पैशल पैकेज देने की बजाय पीएम मोदी ने प्रदेष से मुंह मोड़ लिया, जबकि कांग्रेस पार्टी ने 4500 करोड़ रूपए का स्पैशल पैकेज बनाया, लेकिन बावजूद इसके केंद्र सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हिमाचल के 12 जिलों में से 7 जिलों में सेब का उत्पादन होता है। पीएम मोदी ने हिमाचल के लोगों से वायदा किया था कि इम्पोट ड्यूटी बढ़ा दी जाएगी, ताकि हिमाचल के सेब की अच्छी कीमत मिल पाए, लेकिन इम्पोट ड्यूटी 70 प्रतिषत से बढ़ाने की बजाय 35 प्रतिषत कर दी। इससे हिमाचल के बागवानों को काफी नुकसान हुआ है। पीएम मोदी ने हिमाचल के बागवानों से ऐसा व्यवहार क्यों किया और वह हिमाचल को किस बात की सजा दे रहे हैं?
गिल ने कहा कि हिमाचल में सुखाश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों को प्रदेश सरकार ने गोद लिया है, जो देश की ऐसी पहली सरकार है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह अनाथ बच्चे पीएम मोदी के कुछ नहीं लगते थे? अगर वह खुद को हिमाचल के बेटे कहते हैं, तो ये अनाथ बच्चे भी उनके रिश्तेदार, बहन-भाई लगने चाहिए थे, तो उन्होंने इन बच्चों से मुंह क्यों मोड़ लिया।
बाइट: अमृत गिल, मीडिया कोऑर्डिनेटर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी
इस दौरान उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि नाहन व मंडी में चुनावी जनसभाओं के दौरान पीएम मोदी इन सवालों का जवाब जरूर देंगे।