नाहन में मुहर्रम पर निकाले ताजिए

 ऐतिहासिक शहर नाहन में आज  मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मुहर्रम मनाया गया। मुहर्रम के मौके पर समुदाय के लोगों ने शहर में ताजिए निकाले। मुहर्रम के मौके पर ऐतिहासिक शहर नाहन में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा चार ताजिए निकाले गए जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया ।
वीओ1- मीडिया से बात करते हुए ताजिया कमेटी सदस्यों ने बताया कि मुहर्रम के मौके पर शहर में चार ताजिए निकाले जाते हैं। कितने मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में भाग लेते हैं उन्होंने बताया कि मोहर्रम कोई त्यौहार नहीं बल्कि यह बेहद गम भरा महीना माना जाता है और आज के दिन कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। उन्होंने बताया कि दिन की नमाज अदा करने के बाद सबसे पहले गुन्नू घाट से ताजिया रवाना होता है जिसके बाद हरिपुर मोहल्ला रानीताल और अंत में जामा मस्जिद कच्चा टैंक का ताजिया निकाला जाता है उन्होंने बताया कि शाम को नमाज अदा करने के बाद इन चारों ताजियों को कर्बला के लिए रवाना किया जाता है। मुहर्रम पर देश के विभिन्न स्थानों में मुस्लिम समाज के सिया समुदाय द्वारा ताजिए निकाले जाते हैं मगर नाहन में यह ताजिए मुस्लिम समाज के सुन्नी समुदाय द्वारा निकाले जाते हैं।देश के विभाजन के समय जब मुसलमान यहां से पाकिस्तान के लिए रवाना हुए उसके बाद नाहन शहर में बहुत कम संख्या में मुसलमान शेष रह गए थे जिन्होंने आने वाले समय में मोहर्रम ना मनाने का फैसला लिया था। परन्तु तत्कालीन नाहन के महाराजा शमशेर प्रकाश ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को दरबार में बुलाकर उन्हें मुहर्रम मनाने के लिए प्रेरित किया और इस प्रथा को कभी ना बंद करने के लिए कहा। तब से यह परंपरा यहां चली आ रही है।

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