अंतरराष्ट्रीय  टाइगर दिवस आज ,सिरमौर के किये भी है खास 

रेणुका जी क्षेत्र जहाँ पवित्र रेणुका जी झील के लिए जाना जाता है जोकि प्रदेश की सबसे बडी प्राकृतिक झील है। इस स्थान पर वर्ष भर पर्यटकों का आना जाना रहता है। पवित्र झील के साथ ही मिनी ज़ू  भी बनाया गया है।   यहाँ पर वन्य प्राणी भी स्वछंद  रूप में रखे गए हैं जोकि लोगो के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रहते हैं।काफी समय से यहां पर टाइगर यानि बाघ को लाने के प्रयास किये जा रहे थे  और अब  मध्य प्रदेश व् महाराष्ट्र में वार्तालाप चला हुआ है और इस वर्ष के अंत तक बाघ के यहां आने की उम्मीद है। वन्य प्राणी विभाग शिमला के डी  एफ ओ विनोद रानटा ने बतायाकि सेंट्रल जू  ऑथोरिटी के दिशा निर्देशों के अनुसार इन दिनों मिनी ज़ू  रेणुका में शेड  व् एनक्लोजर बनाने का कार्य चला हुआ है और इस सिलसिले में मध्यप्रदेश व् महाराष्ट्र से बात चल रही है और उम्मीद है जल्द ही बाघ यहां पहुंच जायेंगे। ज़ू  में प्रदेश की  एस  आई डी सी  इन शेडों आदि को बना रही है। इसके इलावा टाइगर  के रहने ,इत्यादि को लेकर जू  ऑथोरिटी के नियम अनुसार कार्य किये जा रहे हैं।
बाइट : डी  एफ ओ  विनोद रानटा  ने बतायाकि रेणुकाजी मिनी ज़ू  में अब जल्द ही टाइगर भी पहुंचेंगे इसके लिए वार्तालाप चल रहा है। अभी ज़ू  परिसर में बाघ रखने के नियमों के अनुसार शेड व् एनक्लोजर बनाये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार  ने भी इस  प्रोजेक्ट के लिए1  करोड़ 67  लाख करोड़ का बजट भी है जिसके तहत इन दिनों यहां निर्माण कार्य चला हुआ है। विभाग का प्रयास है कि जल्द यहां पर टाइगर आएं ताकि पर्यटकों को प्रकृति  और नजदीक लाया जा सके।
उल्लेखनीय  हैकि रेणुकाजी मिनी ज़ू  रखे सभी वन्य प्राणी स्वछंद विचरण करते है और अब टायगर  के आने से पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण का केंद्र बनेगा।

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