सिरमौर जिला का प्रसिद्ध प्राचीन ऐतिहासिक मेला श्री रेणुकाजी जोकि अब अंतरराष्ट्रीय मेले में तब्दील हो चूका है जहां माता पुत्र के पवित्र मिलन का साक्षी बनता है वहीं रेणु मंच पर पक्ष और विपक्ष के नेताओं के भाषणों के लिए भी जाना जाता है। इस वर्ष भी ऐसा ही नजारा सामने आया। मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या के शुभारम्भ के साथ शुरू हुई पक्ष व् विपक्ष के भाषणबाजी। इसमें जहां भाजपा नेताओं ने सी एम् सुखु के समक्ष कई मांगे रखीं वहीं बंद किये संस्थानों को जनहित में खोलने का भी अनुरोध किया। अब बारी थी सी एम् सुखु के जवाब की। मुख्यमंत्री सुखु ने अत्यंत शालीन व् सधे हुए शब्दों में भाजपा नेताओं को व्यवस्था परिवर्तन का अर्थ समझाने का प्रयास किया। उन्होंने साफ कियाकि पिछली भाजपा सरकार ने चुनावों को देखते हुए आनन फानन में संस्थानों की घोषणा कर डाली ,चाहे स्टाफ हो या नहीं। इसके इलावा भी इतनी देनदारी पैदा कर दी कि व्यवस्था सुधारने की जरूरत आन पड़ी। सुखु ने साफ कहाकि संस्थान खोलना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन उनकी गुणवत्ता होना जरूरी है। कुलमिलाकर सी एम् सुखविंदर सुखु ने अपने बयान न केवल भाजपा नेताओं को अपनी राजनैतिक परिपक्वता का परिचय दिया साथ ही समोसा प्रकरण से लेकर व्यवस्था परिवर्तन पर एक कड़ा जवाब भी दिया है।